परीक्षण और स्वीकृत
हर कोई परीक्षा के दौर से गुजरता है। हममें से कुछ
बहुत से परीक्षणों से गुजरते हैं। यहाँ तक कि यीशु की
भी परीक्षा हुई। यीशु जंगल में था और भूखा था। शैतान
ने कहा, “तू परमेश्वर का पुत्र है, आज्ञा दे कि यह
पत्थर रोटी बन जाए।” यीशु ने उसे उत्तर दिया, “यह लिखा
है, कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु परमेश्वर
के हर एक वचन से जीवित रहेगा।”
शैतान यीशु को एक ऊँचे पहाड़ पर ले गया और उसे दुनिया के सारे राज्य दिखाकर कहा, “यह सारा अधिकार और उनका वैभव मैं तुझे दे दूँगा; क्योंकि यह मुझे सौंपा गया है, और मैं जिसे चाहता हूं उसे दे देता हूं। इसलिए, यदि तुम मेरी पूजा करोगे, तो सब तुम्हारा हो जाएगा। यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो; क्योंकि लिखा है, कि तू अपके परमेश्वर यहोवा को दण्डवत करना, और केवल उसी की उपासना करना। तब इब्लीस उसे यरूशलेम में ले गया, और मन्दिर के शिखर पर खड़ा करके उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो यहां से कूद जा, क्योंकि लिखा है, कि वह अपने दूतोंको आज्ञा देगा। तेरे ऊपर, तेरी रक्षा के लिथे, और वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे, ऐसा न हो कि तेरे पांवोंमें पत्थर से ठेस लगे। यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि कहा गया है, कि तू अपके परमेश्वर यहोवा की परीक्षा न करना। यीशु को परमेश्वर द्वारा अनुमोदित किया गया था। हम में से हर कोई मुसीबतों और क्लेशों से गुजरेगा। अय्यूब ने अपना सब कुछ खो दिया। उसने भेड़ों, बकरियों, बैलों और ऊँटों के 11,000 सिर खो दिए। उसने अपने सभी बच्चों को भी खो दिया और अपना स्वास्थ्य खो दिया। उसकी पत्नी ने उसे भगवान को शाप देने और मरने के लिए कहा। अय्यूब के बराबर की हानि करनेवाला कोई और नहीं। परन्तु अय्यूब ने परमेश्वर को शाप नहीं दिया, परन्तु उसका आदर किया। उसने कहा कि वह जानता है कि यहोवा परमेश्वर है, और वह अपने छुड़ाने वाले को आमने सामने देखेगा। अय्यूब को उसके कष्ट का दुगना बदला मिला। उसे भेड़ों, बकरियों, बैलों और ऊँटों के 22,000 सिर मिले। उन्होंने 10 और बच्चे भी प्राप्त किए, और अपने बच्चों की चौथी पीढ़ी को देखने के लिए जीवित रहे। अय्यूब को परमेश्वर ने मंजूरी दी थी ऐसे लाखों-करोड़ों बच्चे हैं जो मृत पैदा हुए, गर्भपात हुए, या किसी बीमारी या बीमारी से कम उम्र में ही मर गए। वे सभी बच्चे स्वर्ग में बड़े हुए हैं। उनका परीक्षण नहीं किया गया है। इसीलिए एक हज़ार साल बाद शैतान को उसकी जंजीरों से आज़ाद कर दिया जाएगा और उसे उन सभी को परखने दिया जाएगा जो स्वर्ग में पले-बढ़े हैं। दुख की बात है कि परीक्षित लोगों में से कई शैतान के पीछे चलेंगे। हम सभी इस जीवन में चीजों से गुजरते हैं। हम अपने जीवनसाथी, अपनी नौकरी, अपने दोस्तों और कई अन्य चीजों को खो सकते हैं जो हमारे रास्ते में आती हैं। लेकिन, हम यहोवा की सेवा करेंगे। हम और कहाँ जा सकते हैं। हमें भी इस जीवन में और आने वाले जीवन में अपनी परेशानी का दुगना वापस मिलेगा। वह हमें हर समस्या और हमारे साथ किए गए हर गलत काम को देखेगा। हमारा परमेश्वर एक शक्तिशाली परमेश्वर है। वह हमें नहीं छोड़ेगा। हम परखे जाते हैं, परन्तु हम भी उसके द्वारा स्वीकृत किए जाते हैं। ----------------------------------- नया राजा जेम्स संस्करण लूका 4:1 तब यीशु पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होकर यरदन से लौटा, और आत्मा के सिखाने से जंगल में फिर चला। 2 चालीस दिन तक शैतान उसकी परीक्षा करता रहा। और उन दिनों में उस ने कुछ न खाया, और जब वे दिन पूरे हो गए, तो उसे भूख लगी। 3 और शैतान ने उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो इस पत्थर को रोटी बनने की आज्ञा दे। 4 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि लिखा है, कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु परमेश्वर के हर एक वचन से जीवित रहेगा। 5 तब शैतान ने उसे ऊंचे पहाड़ पर ले जाकर पल भर में जगत के सारे राज्य दिखाए। 6 और शैतान ने उस से कहा, यह सारा अधिकार और उनका वैभव तुझे दूंगा, क्योंकि यह मुझे सौंपा गया है, और जिसे चाहता हूं, उसी को दे देता हूं। 7 सो यदि तू मेरे साम्हने दण्डवत् करे, तो सब कुछ तेरा हो जाएगा। 8 यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो; क्योंकि लिखा है, कि तू अपके परमेश्वर यहोवा को दण्डवत करना, और केवल उसी की उपासना करना। 9 तब उस ने उसे यरूशलेम में ले जाकर मन्दिर के कंगूरे पर खड़ा किया, और उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो यहां से नीचे कूद जा। 10 क्योंकि लिखा है, कि वह तेरे विषय में अपके दूतोंको आज्ञा देगा, कि वे तेरी रक्षा करें। 11 और, वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे, ऐसा न हो कि तेरे पांवों में पत्थर से ठेस लगे। 12 यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि कहा गया है, कि तू अपके परमेश्वर यहोवा की परीक्षा न करना। 13 जब शैतान सब प्रकार की परीक्षा कर चुका, तो उचित समय के लिये उसके पास से चला गया। |